आज हम आप लोगों को स्पर्श भाग-1 कक्षा-9 पाठ-3 (NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 3 Summary ) के तुम कब जाओगे अतिथि पाठ का सारांश (Tum Kab Jaoge Atithi Summary) के बारे में बताने जा रहे है जो कि शरद जोशी (Sharad Joshi) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको NCERT Solutions for class 9 Hindi के बारे में और भी जानकारी चाहिए, तो आप ऊपर दिए गए NCERT Solutions मेनू पर जाकर उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।
Tum Kab Jaoge Atithi Summary | तुम कब जाओगे अतिथि सारांश
लेखक के घर में एक अतिथि आए है। उस आये हुए अतिथि के सेवा-सत्कार में लेखक और उनकी पत्नी ने अपनी ओर से कोई कमी नहीं की है। यह सेवा-सत्कार इसलिए किया गया है कि अतिथि आने के बाद तुरंत चले जाये। परन्तु यह अतिथि नहीं जा रहे हैं। लेखक को अब शंका हो रही है कि अतिथि अब न जाने कितने दिन और रूकेंगे। लेखक अतिथि के थोड़े दिन और रुक जाने की आशंका से डर ही रहे थे कि अतिथि ने और कुछ दिन रुक जाने का संकेत दे दिया। अतिथि ने अपने कपड़े गंदे होने की बात कही और उस गंदे कपड़े को धुलाई के लिए धोबी को देने की चर्चा की। लेखक को इस बात से गुस्सा तो बहुत आया लेकिन लॉण्ड्री से कपड़े धुलाकर लाना ही सही समझा। लेकिन अब भी अतिथि वहाँ से चले जाएँगे, इसकी कोई गारंटी न थी। लेखक और उनकी पत्नी अतिथि से बहुत परेशान हो चुके थे।
कल तक जिस अतिथि के प्रति यह भाव था कि अतिथि देवता के समान होते हैं, अब उस अतिथि के प्रति यह स्थिति हो गई है कि वह राक्षस प्रतीत होने लगे है। इस व्यंग्य के माध्यय से लेखक ने आज के अतिथियों की निर्लज्जता की परिस्थिति को स्पष्ट किया है। सम्मान माँगने से नहीं मिलता बल्कि सम्मानित व्यक्ति के साथ जैसा आचरण किया जाता है तब उस व्यक्ति के व्यवहार से मुग्ध होकर अन्य लोग स्वयं ही उस व्यक्ति को सम्मान देते हैं।
लेखक ने यह भी दिखाया है कि थोड़े दिन के लिए आये अतिथि शानदार स्वागत के भागीदार होते हैं, लेकिन अत्यधिक समय के लिए आये अतिथि के आतिथ्य का सुख-भोग करने का जिनका इरादा होता है वैसे अतिथि का मेजबान द्वारा आदर सम्मान नहीं होता हैं।
लेखक ने एक और बात बतायी है कि दूसरों के घर में रहकर आदर-सत्कार प्राप्त करना सभी को अच्छा लगता है। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी लोग अपना घर छोड़कर दूसरे के घर में ही रहना शुरू कर दें। लेखक ने यह भी बताया है कि अतिथि के घर इज्जत मिलने का यह मतलब नहीं कि इज्जत जहाँ मिले, वहाँ और सिर चढ़ जाए। इज्जत कभी भी माँगने से प्राप्त नहीं होती है। यदि अतिथि को बिना माँगे इज्जत चाहिए तो उन्हें यह सावधानी बरतनी होगी कि थोड़े ही समय में ही किसी के घर का दरवाज़ा छोड़ दें। अतिथि द्वारा फूहड़ आचरण किए जाने का गलत परिणाम एक दिन यह भी हो सकता है कि मेज़बान द्वारा उन्हें ‘गेट आउट’ भी कह दिया जाये। यह व्यंग्य-रचना सही मायने में मेहमान और मेज़बान की संयुक्त आचार संहिता है।
इस पोस्ट के माध्यम से हम स्पर्श भाग-1 कक्षा-9 पाठ-3 (NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 3 Summary) के तुम कब जाओगे अतिथि पाठ का सारांश (Tum Kab Jaoge Atithi Summary) के बारे में जाने जो कि शरद जोशी (Sharad Joshi) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। अगर आप NCERT Solutions for class 9 Hindi से संबंधित और पोस्ट चाहते हैं तो ऊपर दिए गए NCERT Solutions मेनू पर जाएं और ऐसी ही पोस्ट के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करें।