NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 | मीठाईवाला

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 | मीठाईवाला

        आज हम आप लोगों को वसंत भाग-2 के कक्षा-7  का पाठ-5 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 Vasant Bhag 1 ) के मीठाईवाला पाठ का प्रश्न-उत्तर (Mithaiwala class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि भवानीप्रसाद मिश्र (Bhawani Prasad Mishra) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।  

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 | मीठाईवाला

प्रश्न-अभ्यास

 कहानी से

प्रश्न 1. मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?

उत्तर- मिठाईवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, क्योंकि वह बच्चों के पास आकर उनका प्यार प्राप्त करना चाहता था। उसके बच्चों एवं पत्नी की मृत्यु असमय हो गई थी। उसे अपने बच्चों की झलक इन गली के हँसतें-खेलते बच्चों में दिखाई देती थी। इसलिए वह बच्चों के पसंद की चीजें बेचा करता था। वह अपने साथ बदल-बदल कर बच्चों के पसंद की चीजें लाया करता था, इसलिए उसके आते ही बच्चे भी उसे चारों ओर से खुशी से घेर लिया करते थे। वह बच्चे की सभी फरमाइशें पूरी करता रहता था। वह कई महीनों के बाद नये-नये खिलौने के साथ आता था क्योंकि उसे पैसों का कोई लालच नहीं था। वह सिर्फ बच्चों की खुशियाँ चाहता था।

प्रश्न 2. मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?

उत्तर मिठाईवाले का सबसे अच्छा गुण था, उसकी मधुर आवाज। मधुर आवाज में गाना गाकर अपनी लाई हुई चीजों की विशेषताएँ बताना ही उसके सबसे अच्छे गुण थे। वह बच्चों के मनपसंद की चीजों को अपने साथ लाता, कम दामों में बेचता, बच्चों से अपनत्व को दर्शाता आदि ऐसी विशेषताएँ थीं। बच्चे तो बच्चे बड़े भी उसकी मधुर आवाज को सुनकर उसकी ओर खिंचे चले आते थे।

प्रश्न 3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?

उत्तर- विजय बाबू एक ग्राहक थे जबकि मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों ने मुरली के मोल-भाव के लिए अपने-अपने तर्क दिए। विजय बाबू ने अपने पक्ष में यह तर्क प्रस्तुत करते हुए कहते हैं कि-फेरीवाले तो अक्सर ही झूठ बोलते रहते हैं उनकी तो झूठ बोलने की आदत होती है। देते होगे तुम सभी को दो-दो पैसे में ये मुरली, पर एहसान का बोझा मेरे ही ऊपर लाद रहे हो।

          इसके विपरीत मुरलीवाले ने अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहता है कि – ग्राहक को तो वस्तुओं की लागत का पता नहीं होता, उनका दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे कितना भी हानि उठाकर वस्तु को क्यों न बेचे, परन्तु ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार उन्हें लूट रहे हैं।

प्रश्न 4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?

उत्तर- खिलौने वाले के आने पर सभी बच्चे बहुत खुश हो जाते थे। बच्चे बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाते थे। उन्हें खेलकुद, सामान, जूते-चप्पल आदि का भी ध्यान नहीं रहता। वे अपने-अपने घर से पैसे लेकर खिलौने का मोल-भाव करने लग जाते थे। खिलौनेवाला उनके मन पसंद के खिलौने दे देता था और बच्चे उन खिलौने को लेकर काफ़ी खुश हो जाते थे। बच्चे खुशी से पागल हो जाते थे।

प्रश्न 5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?

उत्तर- रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि खिलौनेवाला भी मुरलीवाले की तरह मधुर स्वर से गा-गाकर खिलौना बेचा करता था। दोनों की आवाज एक जैसी थी।

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प्रश्न 6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?

उत्तर- रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला बहुत ही भावुक हो गया था। उसने भावुक होकर यह  बताया कि- मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित ( सम्माननीय ) आदमी था। मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ मेरे पास था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चे थे। मेरा वह सोने का संसार था। मेरे पास सुख के सभी साधन थे। स्त्री और छोटे बच्चे भी थे। ईश्वर की लीला सभी को ले गई। जिसके कारण मैं इस व्यवसायों के माध्यम से अपने खोए बच्चों को खोजने निकला हूँ। इन सभी हँसते-कूदते, उछलते तथा इठलाते बच्चों में अपने बच्चे की झलक देखता हूँ। मैं इन वस्तुओं जैसे- खिलौने, मुरली, मिठाई आदि को बच्चों में बेचकर बहुत ही संतोष का अनुभव करता हूँ। साथ ही इन बच्चों के चेहरे की खुशियों को देखकर मुझे बहुत संतोष मिलता है।

प्रश्न 7. ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर- मिठाईवाले के जीवन का रहस्य किसी को भी नहीं मालूम था लेकिन जब उसने अपने जीवन की सारी गाथा दादी और रोहिणी को बताई तो उसी समय रोहिणी के छोटे-छोटे बच्चे चुन्नू और मुन्नू दोनों आकर मिठाई माँगने लगते हैं। फिर मिठाईवाला दोनों को मिठाई से भरी एक-एक पुडिया देता है। रोहिणी मिठाईवाले को पैसे देती है तो वह यह कहने लगता है-“अब इस बार ये पैसे नहीं लूँगा।” यह वाक्य इस बात को दर्शाता है कि उसका मन भर आया और ये बच्चे उसे अपने बच्चे ही लगे।

प्रश्न 8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?

उत्तर स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् संविधान ने स्त्री-पुरुष दोनों को समान अधिकार दिए हैं और आज शिक्षा के प्रसार व आधुनिकीकरण से भी समाज में बहुत बदलाव आया है। आज स्त्रियाँ पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। लेकिन भारत के कुछ पिछड़े गाँव व स्थान हैं जहाँ स्त्रियों को आज भी पर्दे में रहना पड़ता है। इसीलिए रोहिणी को भी एक गाँव की महिला होने के कारण चिक के पीछे से बात करने को मजबूर रहती हैं। हमारी राय में यह पूरी तरह से गलत है क्योंकि स्त्री और पुरुष दोनों को  ही समाज के आधार हैं। दोनों को समान दर्जा मिलना चाहिए।

कहानी से आगे

प्रश्न 1. मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?

उत्तर मिठाईवाला बहुत ही प्रतिष्ठित और सम्मानीय व्यक्ति था। वह अपने परिवार में बहुत सुखी से रह रहा था। फिर एक दिन अचानक दुर्घटनावश उनकी पत्नी और उनके बच्चे की मृत्यु हो गई। परिवार के न होने के कारण मिठाईवाला को अपनी संपत्ति व्यर्थ लगने लगी, अतः इसीलिए मिठाईवाले ने अपने दुख को भुलाने के लिये दूसरे के बच्चों में अपने खुशी को ढूँढने की चेष्टा की। मिठाईवाले के इस प्रयास में काफी हद तक सफलता भी मिली।

प्रश्न 2. हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन-सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने-बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।

उत्तर- हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में हमें मिठाईयाँ, गोल-गप्पे, चाट-पापड़ी, झूले, पकौड़े आदि चीजें हमारा ध्यान आकर्षित करती हैं। मिठाईयाँ बनाने में हलवाई का हाथ होता है। खिलौने बनाने में कारीगरों का हाथ होता है तथा झूले को एक से अधिक श्रमिकों के द्वारा मिलकर लगाया जाता है। इन सभी के चेहरे पर परिश्रम और व्यस्तता साफ रूप से झलकता है।

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प्रश्न 3. इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम करता है? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूँढ़िए और पढ़िए।

उत्तर- ऐसी कहानी पुस्तकालय से ढूँढे। यह कार्य छात्र स्वयं करें।

 अनुमान और कल्पना

 प्रश्न 1. आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।

उत्तर- हमारे गली में मौसम के अनुसार बहुत से फेरीवाले आते हैं। जैसे-मूंगफली-बादाम वाला, गोलगप्पे-चाटवाला, फलवाला, सब्जीवाला, खिलौनेवाला, आइसक्रीमवाला, कपड़ेवाला, बर्तनवाला आदि। ये सभी फेरीवाले बहुत ही मधुर स्वर में आवाज लगाकर अपनी-अपनी चीजें बेचते है। ये सभी फेरीवाले घूम-घूम कर बहुत ही कम पैसे में पूँजी के आभाव के कारण चीजें बेचते हैं।

सब्जीवाले वाले से बातचीत-

बालिका – रुकिए सब्जीवाले भैया, भैया ये भिंडी कितने रुपये किलो हैं ?

सब्जीवाले – तीस रुपये का एक किलो है लेकिन आधा किलो बीस रुपये का होगा।

बालिका – लेकिन आधा किलो का कीमत तो 15 रुपये होता है।

सब्जीवाले – नहीं, मेरी सब्जी ताजी है लेना है तो लो नहीं तो हम चलते हैं।

बालिका – अच्छा ठीक है, एक किलो भिंडी दे दो।

प्रश्न 2. आपके माता-पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।

उत्तर- हमारे माता-पिता के समय में हर एक वस्तुएँ फेरीवाला ही बेचने आया करते थे। वह मीठे स्वर में गाना गाकर अपना सामान बेचा करते थे। फेरीवाला ज्यादातर सभी तरह की वस्तुएँ लाया करते थे। लेकिन आज के समय में फेरीवालों की संख्या में काफ़ी कमी आ गई है। लोग ज्यादातर ब्रांडेड कपड़े और सामान खरीदना पसंद करते हैं, ये सभी चीजे अधिकतर दुकान से ही खरीदते हैं। फेरीवाले पहले की तरह मीठे स्वर में गाना गाते हुए नहीं चलते हैं। यदि कोई फेरीवाला कभी-कभी आता भी है तो उनके मीठे स्वर में कमी आ गयी है।

प्रश्न 3. आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।

उत्तर यह तो बात सही है कि वक्त के साथ फेरीवालों के स्वर में कमी हुई हैं क्योंकि लोगों की रुचि फेरीवालों से सामान खरीदने में कम बल्कि दुकान से खरीदने में ज्यादा होती जा रही है।

भाषा की बात

प्रश्न 1. मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया

ऊपर वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि

(क) ‘वाला’ से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?

(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?

उत्तर-

(क) ‘मिठाईवाला’ में मिठाई शब्द संज्ञा है।

(ख) मिठाईवाला शब्द एक विशेषण है।

बोलने वाली गुड़िया में गुड़िया संज्ञा है जबकि बोलने वाला शब्द विशेषण है जो गुड़िया की विशेषता बता रहा है।

प्रश्न 2. “अच्छा मुझे ज़्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”

  • उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे, भोजपुरी में-एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ते बटुली।
  • ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं/ बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।
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उत्तर विद्यार्थी स्वयं करें। झारखंड की हिंदी, बंगला तथा असमी भाषा में भी ठो का प्रयोग होता है।

प्रश्न 3. “वे भी, जान पड़ता है, पार्क में खेलने निकल गए हैं।”

‘‘क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”

दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। जरा कमरे में चलकर ठहराओ।”

भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने-सुनने में नहीं आते आप ये बातें कैसे कहेंगे?

उत्तर- “लगता है वे भी पार्क में खेलने के लिये चले गए?”

“भैया, इस मुरली का दाम कितना है?”

“दादी चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। थोड़ा जाकर उन दोनों को कमरे में बैठाओ।”

कुछ करने को

प्रश्न 1. फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी? उनका घर-परिवार कहाँ होगा? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे? यह जानने के लिए दो-दो के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवाले से बात करें।

उत्तर- विद्यार्थी फरीवालों से इस प्रश्न के अनुसार बात-चीत करके उत्तर लिखे।

प्रश्न 2. इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए।

उत्तर- हाँ, फेरीवाले के जीवन की बातों को पढ़कर हमें इस बात का पता चलता है कि दूसरों को प्यार और खुशियाँ देने से दुख कम हो जाता है। जैसे- मिठाईवाले के परिवार की मृत्यु के बाद, वह दुसरे बच्चों को जब उनकी पसंद का सामान ला-लाकर बेचता है तो उन बच्चों के चेहरे की खुशियों को देखकर उसे संतोष, धैर्य और सुख की अनुभूति होती थी। वह उन्हीं में अपने बच्चों की झलक देखता था। इसलिए कहा भी है कि दुख बाँटने से कम होता है।

प्रश्न 3. अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।

उत्तर- मेरी कल्पना के आधार पर मिठाईवाला एक लंबा, दुबला-पतला व्यक्ति होगा। उसकी आँखें भूरी होगी। सिर पर टोकरी, पैरों में चप्पल, पजामा-कुर्ता पहने, कंधे पर गमछा लिए वह चलता होगा। वह सिर पर पगड़ी भी जरूर बाँधता होगा, ताकि वह टोकरी को आसानी से उठाकर रख सके। उसके कंधों पर फेरी का सामान होता होगा, जिस पर बहुत सारे खिलौने लटके होंगे। जब वह मधुर स्वर में गाना गाते हुए गली में आता होगा तो बच्चे दौड़कर उसे घेर लेते होंगे।

मिठाईवाला का सारांश | Mithaiwala Class 7 summary

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     इस पोस्ट के माध्यम से हम वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-5 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 5 Vasant Bhag 1) के मीठाईवाला पाठ का प्रश्न-उत्तर (Mithaiwala class 7 Hindi Chapter 5 Question Answer)  के बारे में  जाने जो की भगवतीप्रसाद वाजपेयी (Bhagwati Prasad Vajpeyi) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।

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