कठपुतली प्रश्न उत्तर | NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4 Question Answer
आज हम आप लोगों को वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-4 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4 Vasant Bhag 2) के कठपुतली पाठ का प्रश्न-उत्तर (Kathputli class 7 Hindi Chapter 4 Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि भवानीप्रसाद मिश्र (Bhawani Prasad Mishra) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
कठपुतली प्रश्न उत्तर | Kathputli Poem Class 7 Hindi Chapter 4 Question Answer
प्रश्न-अभ्यास
कविता से
प्रश्न 1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?
उत्तर- कठपुतली को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि उसे हमेशा दूसरों के इशारों पर ही नाचना पड़ता है। वह लंबे समय से धागे में बँधी है। उसकी इच्छा है कि अपने पाँवों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनना। धागे में बँधना उसे पराधीनता लगता है, इसीलिए उसे गुस्सा आता है।
प्रश्न 2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?
उत्तर– कठपुतली को स्वतंत्र होकर अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है लेकिन वह खड़ी नहीं होती क्योंकि जब उस अकेली कठपुतली पर सभी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है तो वह बहुत डर सी जाती हैऔर सोचने लगती है कि कहीं उसका उठाया गया यह कदम सभी को मुसीबत में न डाल दे।
प्रश्न 3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी?
उत्तर- पहली कठपुतली की बात सुनकर दूसरी कठपुतलियों को भी बहुत अच्छा लगने लगा, क्योंकि वे भी पहली कठपुतली की तरह स्वतंत्र होना चाहती थीं और उनकी भी इच्छा थी कि वे भी अपने पाँव पर खड़ी हो। अपनी इच्छा के अनुसार चल सके। पराधीनता का जीवन व्यतीत किसी को पसंद नहीं है। यही कारण था कि वह पहली कठपुतली की कही बात से सहमत थी।
प्रश्न 4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी ?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए–
- उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महससू होने लगी।
- उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
- वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
- वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।
उत्तर- पहली कठपुतली गुलामी का जीवन जीते-जीते दुखी हो गई थी। धागों में बँधी कठपुतलियाँ दूसरों के इशारे पर नाचना ही अपना जीवन मानती हैं लेकिन एक बार एक कठपुतली ने विद्रोह कर दिया। उसके मन में शीघ्र ही स्वतंत्र होने की लालसा जाग्रत हुई, अतः उसने आजादी के लिए अपनी इच्छा जताई, लेकिन सारी कठपुतलियाँ उसके हाँ में हाँ मिलाने लगी और उनके नेतृत्व में विद्रोह के लिए तैयार होने लगी, लेकिन जब उसे अपने ऊपर दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी का अहसास हुआ तो वह डर गई, उसे ऐसा लगने लगा न जाने स्वतंत्रता का जीवन भी कैसा होगा? यही कारण था कि पहली कठपुतली चिंतित होकर अपने फैसले के विषय में सोचने लगी।
कविता से आगे
प्रश्न 1. ‘बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।’-इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? नीचे दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-
(क)बहुत दिन हो गए, मन में कोई उमंग नहीं आई।
(ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।
(ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।
(घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।
उत्तर– ‘बहुत दिन हुए हमें अपने मन के छंद छुए’ इसका अर्थ यह है कि बहुत दिन बीत गए है फिर भी हमारे मन का दुख दूर नहीं हुआ और न ही मन में खुशी आई अर्थात् कठपुतलियाँ परतंत्रता से बहुत ही दुखी हैं। उन्हें ऐसा लगता है जैसे उनके अपने मन के अंदर स्थित चाह को जान ही नहीं पातीं। पहली कठपुतली के कहने से बाकी सभी कठपुतली के मन में आजादी की उमंग सी जाग उठी।
प्रश्न 2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखिए
(क) सन् 1857 ____ ____
(ख) सन् 1942 ____ ____
उत्तर-
(क) 1857 –
- महारानी लक्ष्मीबाई,
- मंगल पांडे
(ख) 1942 –
- महात्मा गांधी,
- जवाहर लाल नेहरू
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. स्वतंत्र होने की लड़ाई कठपुतलियाँ कैसे लड़ी होंगी और स्वतंत्र होने के बाद स्वावलंबी होने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए होंगे? यदि उन्हें फिर से धागे में बाँधकर नचाने के प्रयास हुए होंगे तब उन्होंने अपनी रक्षा किस तरह के उपायों से की होगी?
उत्तर- स्वतंत्र होने के लिए कठपुतलियाँ लड़ाई आपस में मिलकर लड़ी होंगी, क्योंकि सबकी परेशानी एक जैसी थी और सबको एक जैसे धागों से स्वतंत्रता चाहिए थी। पहले सभी कठपुतलियों से विचार-विमर्श किया होगा। स्वतंत्र होने के बाद स्वावलंबी बनने के लिए उन्होंने काफ़ी संघर्ष किया होगा। अपने पाँव पर खड़े होने के लिए बहुत परिश्रम किया होगा। रहने, खाने, पीने, जीवन-यापन की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दिन-रात एक किया होगा।
यदि फिर भी उन्हें धागे में बाँधकर नचाने का प्रयास किया गया होगा तो उन्होंने एकजुट होकर इसका विरोध किया होगा क्योंकि गुलामी में सारे सुख होने के बावजूद आजाद रहना ही सबको अच्छा लगता है। उन्होंने सामूहिक प्रयास से ही शत्रुओं की हर चाल को नाकाम किया होगा। इस तरह उन्होंने अपनी आजादी कायम रखी होगी।
भाषा की बात
प्रश्न 1. कई बार जब दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तो उनके मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है। कठपुतली शब्द में भी इस प्रकार का सामान्य परिवर्तन हुआ है। जब काठ और पुतली दो शब्द एक साथ हुए कठपुतली शब्द बन गया और इससे बोलने में सरलता आ गई। इस प्रकार के कुछ शब्द बनाइए–जैसे-काठ (कठ) से बना-कठगुलाब, कठफोड़ा
उत्तर-
हाथ और करघा = हथकरघा
हाथ और कड़ी = हथकड़ी
हाथ और गोला = हथगोला
सोन और परी = सोनपरी
सोन और जुही = सोनजुही
मिट्टी और कोड = मटकोड
मिट्टी और मैला = मटमैला
प्रश्न 2. कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है। जैसे-आगे-पीछे अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में ‘पीछे-आगे’ का प्रयोग हुआ है। यहाँ ‘आगे’ का ‘…बोली ये धागे’ से ध्वनि का तालमेल है। इस प्रकार के शब्दों की जोड़ियों में आप भी परिवर्तन कीजिए-दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ, गोरा-काला, लाल-पीला आदि।
उत्तर- पतला-दुबला, उधर- इधर, नीचे-ऊपर, काला-गोरा, बाएँ-दाएँ, पीला-लाल, रात-दिन, लिखना-पढ़ना आदि।
कठपुतली कविता का भावार्थ | Kathputli Poem Class 7 Summary
कठपुतली
गुस्से से उबली
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