आज हम आप लोगों को वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-12 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 12 Vasant Bhag 2 ) के कंचा पाठ का प्रश्न-उत्तर (Kancha Class 7 Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि टी पद्मनाभन (T Padmanabhan) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको NCERT Solutions for class 7 Hindi के बारे में और भी जानकारी चाहिए, तो आप ऊपर दिए गए NCERT Solutions मेनू पर जाकर उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 12 Kancha Question Answer
कहानी से
प्रश्न 1 : कंचे जब ज़ार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है ?
उत्तर : कंचे जब ज़ार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब वह जार और कंचों के अलावा कुछ नहीं सोचता है। वह कल्पना की दुनिया में खो जाता है । उसे लगता है कि जैसे कंचों का ज़ार बड़ा होकर आसमान सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर समा गया है। वह अकेला ही कंचे चारों ओर बिखेरता हुआ मज़े से खेल रहा था। आँवले सा गोल हरी लकीरों वाले सफ़ेद गोल कंचे उसके दिमाग में पूरी तरह छा जाते है। मास्टर जी पाठ में ‘रेलगाड़ी’ के बारे में पढ़ा रहे थे लेकिन उसका ध्यान पढ़ाई में नहीं था। वह तो केवल कंचों के बारे में सोच रहा था । इस कारण उसे मास्टर जी से डाँट भी सुननी पड़ी।
प्रश्न 2 : दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है ? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हँसते हैं। कारण बताइए।
उत्तर : दुकानदार व ड्राइवर के सामने अप्पू एक छोटा बच्चा है जो की मार्बल की दुनिया में मस्त रहता है। मार्बल के चक्कर में वह सबकुछ भूल जाता है। दुकानदार उसे देखकर पहले परेशान होता है। वह कंचे देख तो रहा है लेकिन खरीद नहीं रहा। फिर जैसे ही अप्पू ने कंचे खरीदे तो वह हँस दिया। ऐसे ही जब अप्पू के कंचे सड़क पर बिखर जाते हैं तो तेज़ रफ़्तार से आती कार का ड्राइवर यह देखकर परेशान हो जाता है कि वह दुर्घटना की परवाह किए बिना, सड़क पर कंचे बटोर रहा होता है। लेकिन जैसे ही अप्पू उसे इशारा करके अपने कंचे दिखाते हुए शायद यह पुछना चाहता है कि “बहुत अच्छा है न !’’ है तो ड्राइवर उसकी बचपन की शरारत समझकर हँसने लगता है।
प्रश्न 3 : ‘मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।‘ मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए।
उत्तर : अक्सर बच्चे कक्षा में पढ़ते-पढ़ते अपनी कल्पनाओं में खो जाते हैं। ऐसा न हो इसलिए मास्टर जी ने रेलगाड़ी के बारे में बताते समय अपनी आवाज को ऊँचा कर लिए जिससे बच्चे उनकी ओर ध्यान दें सके । जब मास्टर जी ऐसा लगा कि बच्चे उनकी बातों की ओर ध्यान देने लगे तो मास्टर जी ने अपनी आवाज को धीमा कर लिया होगा ।
कहानी से आगे
प्रश्न 1 : कंचे, गिल्ली-डंडा, गेंदतड़ी (पिट्ठू) जैसे गली-मोहल्लों के कई खेल ऐसे हैं जो बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं। आपके इलाके में ऐसे कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं? उनकी एक सूची बनाइए।
उत्तर : मेरे मोहल्ले में दौड़, उठक-बैठक, छुपन-छुपाई, पकड़म-पकड़ाई, कबड्डी, क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, मटकी फोड़ आदि और भी बहुत सारे खेल हम खेलते हैं जो लोकप्रिय भी हैं।
प्रश्न 2 : किसी एक खेल को खेले जाने की विधि को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर : क्रिकेट खेलने की विधि:-
क्रिकेट का मैच दो टीमें खेलती हैं। दोनों टीमों में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। टॉस जितने के बाद एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी टीम गेंदबाजी। इस खेल में तीन निर्णायक होते हैं, दो मैदान में व एक दूर बैठकर कैमरे से निरीक्षण करता है। इस खेल में बल्लेबाज जीतने हेतु रन बनाने होते हैं। खिलाड़ी एक रन, दो रन, चौका व छक्का मारकर रनों की संख्या बढ़ाते हैं। दोनों टीमें बारी-बारी से खेलती हैं। जो टीम अधिक रन बनाती है वह जीत जाती है। इस खेल में चार अतिरिक्त खिलाड़ी भी होते हैं जो आवश्यकता पड़ने पर खेलते हैं। यह खेल एक दिवसीय व पंच दिवसीय खेला जाता है। इस खेल की लोकप्रियता दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही है। इस खेल में एक ओवर में छ: गेंदे होती है। साधारणत: यह खेल पचास ओवर के होते है, लेकिन आज-कल 20-20 ओवर के लिए भी खेले जाते है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1 : जब मास्टर जी अप्पू से सवाल पूछते हैं तो वह कौन सी दुनिया में खोया हुआ था ? क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी दिन क्लास में रहते हुए भी क्लास से गायब रहे हों ? ऐसा क्यों हुआ और आप पर उस दिन क्या गुजरी ? अपने अनुभव लिखिए।
उत्तर : जब मास्टर जी कक्षा में रेलगाड़ी का पाठ पढ़ा रहे थे तो अप्पू तो कंचों की दुनिया में खोया था उसका ध्यान मास्टर जी के द्वारा पढ़ाए जाने वाले पाठ में बिल्कुल न था।
मेरा अनुभव : जब मैं छठी कक्षा में था। मेरे जन्मदिन वाले दिन घर में सब मेहमान आए थे। हमारे घर आने वाले रिश्तेदारों के बच्चे खेल रहे थे, लेकिन उसी दिन मेरा अंग्रेजी का परीक्षा था । इसलिए माँ ने मुझे विद्यालय भेज दिया। परीक्षा चल रही थी तो मुझे घर का ख्याल भी न आया लेकिन परीक्षा के बाद जब विज्ञान की अध्यापक ने हमें विज्ञान के बारे मे कुछ बाते पुछने शुरु किए तो मेरे दिमाग में कुछ नहीं आ रहा था, क्योंकि मेरी आँखों के आगे तो घर का माहौल छाया हुआ था। इतने में अध्यापक मेरे पास आए और पूछा कि तुम्हारे समझ में आ गया तो मैंने हाँ में उत्तर दे दिया । लेकिन मुझे तब बहुत शर्म आई जब उन्होंने कहा कि तुम्हारा ध्यान कहाँ है ? पुस्तक तो तुम्हारी उल्टी पड़ी है। सच! उसदिन मुझे बहुत शर्म महसूस हुआ । मैंने खड़े होकर अध्यापक को सच बताया तो वे भी हँसने लगे और मुझे ‘जन्मदिन की बधाई ’ देकर मुझे घर जाने की अनुमती दी ।
प्रश्न 2 : आप कहानी को क्या शीर्षक देना चाहेंगे?
उत्तर : मैं इस कहानी का शीर्षक देना चाहूंगा – ‘अप्पू के कंचे’।
प्रश्न 3 : गुल्ली-डंडा और क्रिकेट में कुछ समानता है और कुछ अंतर। बताइए, कौन-सी समानताएँ हैं और क्या-क्या अंतर हैं?
उत्तर : गुल्ली-डंडा और क्रिकेट में समानता:- गुल्ली-डंडा में एक खिलाड़ी गुल्ली फेंकता है और दूसरा डंडे से उसे दूर तक फेंकने का प्रयास करता है। क्रिकेट में भी एक खिलाड़ी गेंद फेंकता है और बल्लेबाज द्वारा बल्ले से मारी गई गेंद को कैच करने का प्रयास किया जाता है।
गुल्ली-डंडा और क्रिकेट में कुछ अंतर है:- गुल्ली डंडा में मैदान और समय का कोई निश्चित पैमाना नहीं होता है। दुसरी ओर क्रिकेट में ओवरों की संख्या निश्चित कर खेला जाता है और मैदान का पैमाना होता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1 : नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित मुहावरे किन भावों को प्रकट करते हैं? इन भावों से जुड़े दो-दो मुहावरे बताइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
■ माँ ने दाँतों तले उँगली दबाई ।
■ सारी कक्षा साँस रोके हुए उसी तरफ़ देख रही है।
उत्तर : दाँतों तले उँगली दबाना- (आश्चर्य प्रकट करना)
अन्य मुहावरे-
- हक्का-बक्का रह जाना– मेरे पड़ोसी का दुर्घटना का समाचार सुनकर, मैं हक्का-बक्का रह गया।
- विस्मित होना– ताजमहल की सुंदरता देखकर, मैं विस्मित हो गया ।
साँस रोके हुए- (भयभीत होना)
- दम साधे हुए– मैं दम साधे हुए परीक्षा परिणाम का इंतज़ार कर रहा था ।
- प्राण सूख जाना– सामने शेर को देखते ही शिकारी के प्राण सूख गए ।
प्रश्न 2 : विशेषण कभी-कभी एक से अधिक शब्दों के भी होते हैं। नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित हिस्से क्रमशः रकम और कंचे के बारे में बताते हैं, इसलिए वे विशेषण हैं।
पहले कभी किसी ने इतनी बड़ी रकम से कंचे नहीं खरीदे।
बढिया सफ़ेद गोल कंचे
- इसी प्रकार के कुछ विशेषण नीचे दिए गए हैं इनका प्रयोग कर वाक्य बनाएँ-
ठंडी अँधेरी रात खट्टी-मीठी गोलियाँ
ताजा स्वादिष्ट भोजन स्वच्छ रंगीन कपड़े
उत्तर : ठंडी अँधेरी रात में मैं रजाई ओढ़कर सो गया ।
खट्टी-मीठी गोलियाँ बच्चों को बहुत पसंद आती हैं।
ताजा स्वादिष्ट भोजन देखकर मेरे मुँह में पानी आ जाते है।
स्वच्छ रंगीन कपड़े में बच्चे बहुत अच्छे दिखते है।
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