NCERT Solution for Class-9 Hindi Kritika Bhag-1 Chapter-2 Mere Sang Ki Auratein
अध्याय-1 मेरे संग की औरतें (कृतिका भाग-1)
प्रश्न-उत्तर Question and Answer
प्रश्न 1 : लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं, फिर भी उनके व्यक्तित्व से क्यों प्रभावित थीं?
उत्तर : लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं था, फिर भी वे उनके व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित थीं। लेखिका ने अपनी नानी के विषय में बहुत कुछ सुना था। वे परंपरावादी, अनपढ़ तथा पर्दा-प्रथा को महत्व देने वाली महिला थीं। उनके पति बैरिस्ट्री पढ़ने विलायत चले गए थे। जब वे कैंब्रिज विश्वविद्यालय से डिग्री लेकर लौटे तो विलायती रीति-रिवाज़ के संग जिंदगी बसर करने लगे। परंतु नानी के रहन-सहन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वे अपने निजी जीवन में काफ़ी आजाद ख्यालों की रही थीं।
प्रश्न 2 : लेखिका की नानी की आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार भागीदारी रही?
उत्तर : लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप से भागीदारी नहीं रही। परंतु उनकी हार्दिक इच्छा थी कि उनकी बेटी की शादी सच्चे देशभक्त सिपाही से हो। इसलिए उन्होंने अपनी बेटी के लिए वर तलाशने का काम अपने पति के मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारे लाल शर्मा जी को सौंपा था। इस प्रकार उनके मन में देश की आजादी के लिए जुनून था।
प्रश्न 3 : लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए सबके दिलों पर राज करती थीं। इस कथन के आलोक में लेखिका की माँ की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
लेखिका की माँ की चारित्रिक विशेषताएँ एवं उनके घर के माहौल का वर्णन कीजिए।
(क) लेखिका की माँ की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर : लेखिका की माँ परंपरावाद की विरोधी थीं। वह निष्पक्ष, ईमानदार तथा सत्यवादी महिला होने के साथ अच्छी परामर्शदाता भी थीं। किसी की गुप्त बातों को दूसरों को जाहिर नहीं करती थीं। इसी कारण उन्हें घर में सम्मान तथा बाहरवालों से दोस्ती मिलती थी।
(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
उत्तर : लेखिका की दादी के घर का माहौल संकीर्णताओं से दूर, सादा जीवन तथा उच्च विचारों को महत्व देने वाला था। घर के सभी व्यक्तियों को अपना निजत्व बनाए रखने की छूट थी।
प्रश्न 4 : आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोह के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी?
उत्तर : शायद लेखिका की परदादी को लगा होगा कि आजकल लड़के तो स्वतंत्रता सेनानी हो जाते हैं क्योंकि उनका एक अकेला पोता भी स्वतंत्रता सेनानी बन गया था जिससे कि उनकी इच्छाएँ-आकांक्षाएँ पूरी नहीं हो पा रही थीं। उन्होंने सोचा होगा कि उनके यहाँ यदि परपोता हुआ तो वह भी स्वतंत्रता सेनानी हो जाएगा। इससे अच्छा कि घर में पोते के बजाय पोती जन्म ले। दूसरी बात यह रही होगी कि अभी तक परिवार में पहली संतान पुत्र होती रही थी और परदादी यह परंपरा तोड़ना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने पतोह के पहली संतान लड़की होने की मन्नत माँगी।
प्रश्न 5 : ‘डराने-धमकाने, उपदेश देकर या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है।’ पाठ के आधार पर तर्कसहित इस कथन को सिद्ध कीजिए।
उत्तर : “डराने-धमकाने’ उपदेश देकर या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है। यह कथन परदादी के साथ घटी घटना से सिद्ध होता है। एक बार लेखिका की परदादी जिस कमरे में सो रही थीं, बदकिस्मती से उसमें एक चोर घुस आया। तब दादी ने उसे डराया-धमकाया या उपदेश नहीं दिया। वरन् सहजता का व्यवहार करते हुए चोर से पानी मँगवाया, आधा पानी खुद पिया और आधा पानी चोर को पिलाया। पानी पिलाकर उसे अपना बेटा बनाया। अत: परदादी ने सहज व्यवहार से उसे चोरी छोड़ने और खेती करने के सही मार्ग पर लगा दिया।
प्रश्न 6 : “शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है।’ इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर : लेखिका कर्नाटक के एक छोटे से कस्बे बागलकोट में रहती थीं। उनके दो बच्चे स्कूल जाने लायक हो गए थे। परंतु वहाँ आस-पास कोई भी अच्छा स्कूल नहीं था। लोगों की राय पर उन्होंने कैथोलिक बिशप से उस कस्बे में एक प्राइमरी स्कूल खोलने की दरख्वास्त की, परंतु उन्होंने वहाँ क्रिश्चियन लोगों की जनसंख्या कम बताकर स्कूल खोलने से इनकार कर दिया। यह सुनकर लेखिका ने कहा, गैर-क्रिश्चियन बच्चों को भी शिक्षा पाने का अधिकार है। इस पर उन्होंने शर्त रखी कि इस बात का यकीन दिलाओ कि स्कूल सौ वर्ष तक चलाएँगे। इस प्रकार की शर्त मानना लेखिका के लिए असंभव था। इस पर लेखिका ने तय किया कि वे स्वयं एक प्राइमरी स्कूल खोलेंगी और खुद अंग्रेजी-हिंदी-कन्नड़ तीन भाषाओं का स्कूल खोला। वहाँ से पड़े हुए बच्चों ने अलग-अलग शहरों के प्रसिद्ध स्कूलों में दाखिला लिया और अध्ययन कर प्रसिद्धि पाई।
प्रश्न 7 : पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धाभाव से देखा जाता है?
उत्तर : जो लोग सत्यवादी, दृढ़ निश्चयी, उदारवादी, दूसरों के साथ सहजता का व्यवहार करने वाले और किसी की गोपनीय बात को दूसरे पर जाहिर नहीं होने देते, जीवन में ऐसे लोगों को श्रद्धा भाव से देखा जाता है।
प्रश्न 8 : ‘सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है।’ इस कथन के आधार पर लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर : लेखिका की चौथे नंबर की बहन रेणु को अकेले व अलग-थलग रहना अधिक पसंद था। वह स्कूल गाड़ी में सबके साथ नहीं आती थी, पीछे-पीछे पैदल आती थी। एक बार दिल्ली में 9 इंच वर्षा हुई। सभी स्कूल बंद हो गए। किंतु वह विद्यालय जाने को तैयार हो गई। सबने उसे समझाया कि स्कूल बंद होगा, किंतु उसने किसी की न सुनी। बिना विद्यालय की गाड़ी के पैदल ही पानी से भरी सड़क पर अकेले ही चली गई और विद्यालय बंद होने के कारण अकेली ही वापस आ गई। उसी तरह लेखिका भी अकेले में अधिक आनंदित तथा रोमांचित रही है। उन्होंने भी अकेले दम पर कई आश्चर्यजनक कार्य किए। बिहार में रहते समय अकेले ही वहाँ की औरतों को पराए मर्दो के साथ नाटक में काम करने के लिए तैयार कर लिया। कर्नाटक के बागलकोट में अकेले ही हिंदी- अंग्रेजी -कन्नड़ प्राइमरी विद्यालय खोला और इन कार्यों को करके वे बहुत खुश थीं। इस प्रकार दोनों बहनें अकेले ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ती चली गईं। अत: लेखिका ने ठीक ही कहा है कि सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है।
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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 : लेखिका की बहन चित्रा की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर : चित्रा स्वयं पढ़ने में उतनी रुचि नहीं लेती थी जितनी दूसरों को पढ़ाने में, इसीलिए परीक्षा में उसके कम अंक आते थे। वह काफ़ी खुले विचारों की आधुनिक लड़की थी। उसने एक ही नज़र में अपने लिए लड़का पसंद कर लिया था और उसी से विवाह किया।
प्रश्न 2 : अचला कौन थी तथा उसने क्या-क्या किया?
उत्तर : अचला लेखिका की सबसे छोटी बहन थी। उसने पिता का कहा मानकर अर्थशास्त्र में एम.ए. किया, फिर पत्रकारिता का कोर्स किया। उसके बाद विवाह किया, किंतु गृहस्थी में मन न लगने के कारण लेखिका बन गई।
प्रश्न 3 : लेखिका की नानी अपने अन्तिम समय में मुंहजोर क्यों हो गई थीं?
उत्तर : लेखिका की नानी अपनी बेटी (लेखिका की माँ) का विवाह एक स्वतंत्रता सेनानी से करवाना चाहती थी कि उन्हें लगा कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी का विवाह किसी सरकारी नौकर से कर दिया जाएगा। अतः अपने अन्तिम समय में समय की कमी तथा बेटी के विवाह की चिंता के कारण वे मुंहजोर हो गई थी।
निबंधात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 : पाठ के आधार पर बताइए कि क्या कारण था कि लेखिका मृदुला गर्ग को 15 अगस्त सन् 1947 समारोह का देखने की इजाजत नहीं मिली?
उत्तर : 15 अगस्त सन् 1947 को हमारा भारत स्वतंत्र हुआ तो इस अवसर पर दिल्ली में इंडिया गेट पर भव्य समारोह हुआ था। सभी लोग इस समारोह को देखने जा रहे थे। लेखिका भी इस समारोह को देखने के लिए अति उत्सुक थीं क्योंकि ऐसा अवसर बार-बार नहीं आता वे इंडिया गेट जाने के लिए बहुत रोई थीं किंतु उन्हें इस समारोह को देखने की इजाजत नहीं मिली। उन्हें इजाजत इसलिए नहीं मिली क्योंकि वे बहुत लंबे समय से बीमार थीं, लंबे समय से बुखार आने के कारण उनको टाइफाइड हो गया था। अत: उनके डॉक्टर ने उन्हें घर से बाहर निकलने से मना कर दिया था।
प्रश्न 2 : पाठ के आधार पर बताइए कि लेखिका की माँ एक साहसी एवं निडर महिला थीं।
उत्तर : लेखिका की माँ एक साहसी एवं निडर महिला थीं क्योंकि एक बार जब घर के सभी पुरुष बारात में गए हुए थे और घर में रात के समय रतजगा हो रहा था। माँ अलग एक कमरे में सोई हुई थीं। तभी एक चोर ने उस कमरे में सेंध लगा दी और कमरे में घुस आया। माँ की आँख खुल गई। माँ ने पूछा, “”कौन?” चोर ने कहा, “जी मैं।” माँ ने कहा, ‘पानी पिला।” चोर बोला, “जी मैं।” माँ ने कहा, “लोटा ले और कुएँ से पानी भर ला। कपड़ा कसकर बाँधना और पानी अच्छी तरह छानना।” चोर बोला “मैं तो चोर हैं।” माँ ने कहा, “चोर है तो क्या हुआ पानी तो पिला।” इस दौरान लेखिका की माँ बिलकुल नहीं घबराईं और न शोर मचाया।
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