Mati Wali ka Saransh| माटी वाली का सारांश | NCERT solution for Class-9
आज हम आप लोगों को कृतिका भाग 1 कक्षा-9 पाठ-4 (NCERT Solution for class 9 Kritika bhag-1) माटी वाली ( Mati Wali )कहानी के सारांश (Saransh) के बारे में बताने जा रहे है जो कि विद्यासागर नौटियाल ( vidyasagar nautiyal ) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
माटी वाली – Mati Wali
सारांश : Summary
टिहरी में भागीरथी नदी पर बहुत बड़ा बाँध बना है जिसमें पूरा टिहरी शहर और उसके पास के अनेक गाँव डूब गए। पहले जो लोग अपने घरो, व्यापारियों से जुड़े थे उनके सामने अचानक विस्थापित होने का संकट उपस्थित हो गया ।’ माटी वाली ‘ ( Mati Wali ) कहानी भी इसी विस्थापन की समस्या से जुड़ी है।
बूढ़ी ‘माटी वाली ‘ पूरे टिहरी शहर में घर-घर लाल मिट्टी बाँट रही होती है और उसी से उसका जीवन चलता है [घरो में लिपाई-पुताई में लाल मिट्टी काम आती है। एक पुराने कपड़े की गोल गद्दी सिर पर रखकर उस पर मिट्टी का कनस्तर रखे हुए वह घर-घर जाकर मिट्टी बेचती है ,उसे सारे शहर के लोग माटी वाली के नाम से ही जानते हैं। एक दिन माटी वाली मिट्टी बेचकर एक घर में पहुँचती है तो मकान मालकिन ने उसे दो रोटियां दी । माटी वाली ने उसमें से एक रोटी अपने सिर पर रखे गंदे कपड़े से बाँध ली | तब तक मालकिन चाय लेकर आ गई। पीतल के पुराने गिलास में माटी वाली फूंक -फूंक कर चाय सुड़कने लगी। माटी वाली ने कहा कहा कि पूरे बाज़ार में अब किसी के पास ऐसी पुरानी चीजें नहीं रह गई हैं जिस पर मालकिन ने कहा की यह पुरखो की चीज़े हैं। न जाने किन कष्टों के साथ इन्हे खरीदा गया होगा | अब लोग इनका कदर नहीं करते। अपनी चीज़ का मोह बहुत बुरा होता है और टिहरी का मोह भी ऐसा ही है।
माटी वाली ने कहा कि जिनके पास ज़मीन या कोई संपत्ति है उन्हें कोई ठिकाना मिल ही जाता है लेकिन माटी वाली जैसे बेघर –बाल मजदूरों का क्या होगा ? माटी वाली उस दिन दो-तीन घरों में मिट्टी पहुँचाकर तीन रोटी बांधकर अपने बुड्ढे पति के लिए लायी थीं। वह रोज़ इसी आस में बैठा रहता है। आज वह उसके लिए प्याज भी खरीद लायी थीं कि कूटकर रोटी के साथ दे देगी | घर पहुंची तो पाया की बूढा मर चूका है।
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NCERT / CBSE Solution for Class 9 (Hindi) कृतिका भाग-1 / क्षितिज भाग-1 |
टिहरी बाँध से उखड़े लोगों को बसाने वाले साहेब ने माटी वाली से पूछा की वह जहाँ रहती है वहां का प्रमाण -पत्र ले आये पर उसके पास ऐसा कोई भी प्रमाण – पत्र नहीं था । वह तो सारी ज़िन्दगी माटाखान से खोदकर मिट्टी बेचती रही । माटाखान का भी उसके नाम कोई कागज़ नहीं था। ऐसे में उसे सरकारी मदद नहीं मिली। टिहरी बाँध भरने लगा | लोग अफरातफरी में घर छोड़कर भागने लगे , निचले भाग में बने शमशान पहले डूबने लगे | मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी माटी वाली अपनी झोपड़ी के बाहर लोगों से कह रही थीं – “गरीब आदमी का शमशान नहीं उजाड़ना चाहिए।”
माटी वाली प्रश्न-उत्तर | Mati Wali Question and Answer
प्रश्न 1 : शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कनस्तर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं। आपकी समझ से वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे?
उत्तर: शहरवासी माटी वाली तथा उसके कनस्तर को इसलिए पहचानते होंगे क्योंकि पूरे टिहरी शहर में वहीं अकेली माटी वाली थी। उसका कोई भी प्रतियोगी नहीं था। वही शहरों के सभी घरों में लीपने वाली लाल मिट्टी देती ……. Read More
इस पोस्ट के माध्यम से हम कृतिका भाग –1 कक्षा-9 पाठ-4 (NCERT Solution for class 9 Kritika bhag-1) माटी वाली ( Mati Wali ) कहानी के सारांश के बारे में जाने, जो कि विद्यासागर नौटियाल ( vidyasagar nautiyal ) जी द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।
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क्षितिज भाग 1 | सारांश | प्रश्न-उत्तर |
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