हामिद खाँ सारांश | Hamid Khan Summary | NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 5
आज हम आप लोगों को संचयन भाग-1 के कक्षा-9 का पाठ-5 (NCERT Solutions for Class-9 Hindi Sanchayan Bhag-1 Chapter-5) के हामिद खाँ पाठ का सारांश (Hamid Khan Summary ) के बारे में बताने जा रहे है जो कि एस॰ के॰ पोत्ताकट (SK Pottekkatt) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
हामिद खाँ सारांश | Hamid Khan Summary
एक दिन लेखक समाचार पत्र में एक खबर पढ़ते हैं- तक्षशिला (पाकिस्तान) में आगजनी। यह खबर पढ़ते ही लेखक को हामिद खाँ नाम के एक व्यक्ति की याद आ जाती है। इस व्यक्ति से लेखक की जान पहचान तक्षशिला में हुई थी, जब लेखक तक्षशिला भ्रमण के लिए गए थे। खबर पढ़ते ही लेखक उनके लिए ईश्वर से हिफ़ाज़त की दुआ माँगने लगते हैं।
दो साल पहले की बात है जब लेखक तक्षशिला गए थे वहाँ के पौराणिक खंडहर को देखने के लिये। तक्षशिला में कड़ी धुप और भूख-प्यास के कारण लेखक का हाल बुरा हो रहा था। वे रेलवे स्टेशन से करीब पौने मील दूरी पर ही बसे एक गाँव की तरफ चल पड़े। वहाँ पर उन्हें तंग बाज़ार, धुआँ, मच्छर और गंदगी से भरी हुई जगहें दिखीं। चारो तरफ होटल का कहीं भी नामोनिशान नहीं था। किसी-किसी जगह पर सड़े हुए चमड़े की दुर्गंध आ रही थी।
संचयन भाग 1 |
||
सारांश | प्रश्न-उत्तर | |
अध्याय- 1 | गिल्लू | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 2 | स्मृति | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 3 | कल्लू कुम्हार की उनाकोटी | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 4 | मेरा छोटा सा निजी पुस्तकालय | प्रश्न-उत्तर |
अचानक लेखक को एक दूकान दिखाई दिया जहाँ गरमा गरम चपातियाँ सेंकी जा रहीं थीं। लेखक अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान लिए उस दुकान में प्रवेश किये। उस दुकान में एक अधेड़ उम्र का पठान था, जो चपातियाँ बना रहा था। लेखक खाने के बारे में उस पठान से पूछते है। तभी दुकानदार लेखक को बेंच पर बैठने के लिए कहते है।
दुकानदार चपातियाँ बनाते समय लेखक से पूछते है कि आप कहाँ के रहने वाले हैं? लेखक दुकानदार के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहते है कि मैं हिंदुस्तान के दक्षिणी छोर पर स्थित मद्रास के आगे मालबार क्षेत्र का रहने वाला हूँ। दुकानदार फिर उनसे पूछते है कि क्या आप हिन्दू है? और मेरे इस मुसलमानी होटल में खाना खाएँगे? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए लेखक हामिद (दुकानदार) से कहते है कि हमारे यहाँ अगर कहीं भी बढ़िया चाय पीनी हो या बढ़िया पुलाव खाना हो तो लोग बिना कुछ सोचे मुसलमानी होटलों में ही जाते हैं।
हामिद लेखक के इस जवाब पर विश्वास नहीं कर पाया। लेखक हामिद से कहते है कि हमारे यहाँ हिन्दू-मुसलमान में बीच कोई फर्क नहीं होता है। हामिद लेखक की बातों को ध्यानपूर्वक सुनकर कहते है कि काश वह भी यह सब देख पाते।
हामिद लेखक का स्वागत करते हुए खाना खिलाते है। लेखक खाना खाकर हामिद को 1 रुपये देते है परंतु हामिद उस रुपये को लेने से इनकार कर देते है। लेखक के बहुत कहने पर हामिद ने पैसे लेते है और वापस उस पैसे को लेखक को देते हुए कहते है कि मैंने आपके पैसे तो ले लिए, परंतु मैं चाहता हूँ कि आप इस पैसे से वापस हिंदुस्तान जाकर किसी मुसलमानी होटल में पुलाव खाएँ और तक्षशिला के इस हामिद भाई को याद करें। लेखक वहाँ से खाना खाकर तक्षशिला के खंडहरों की तरफ चल देते है। उसके बाद लेखक उस हामिद भाई को कभी देख नहीं पाते है।
लेखक आज समाचार पत्र पढ़कर उस हामिद भाई और उनकी दुकान को हो रहे सांप्रदायिक दंगों से बच जाने की प्रार्थना करते है।
Hamid Khan Question Answer | हामिद खाँ प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ?
उत्तर : Read More
इस पोस्ट के माध्यम से हम संचयन भाग-1 के कक्षा-9 का पाठ-5 (NCERT Solutions for Class-9 Hindi Sanchayan Bhag-1 Chapter-5) मेरा हामिद खाँ पाठ का सारांश (Hamid Khan Summary ) के बारे में जाने जो कि एस॰ के॰ पोत्ताकट (SK Pottekkatt) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।
आपको यह सभी पोस्ट Video के रूप में भी हमारे YouTube चैनल Education 4 India पर भी मिल जाएगी।
कृतिका भाग-1 ( गद्य खंड )
सारांश |
प्रश्न-उत्तर | |
अध्याय- 1 | इस जल प्रलय में | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 2 | मेरे संग की औरतें | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 3 | रीढ़ की हड्डी | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 4 | माटी वाली | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 5 | किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया | प्रश्न-उत्तर |
क्षितिज भाग –1 ( गद्य खंड ) |
सारांश |
प्रश्न-उत्तर | |
अध्याय- 1 | दो बैलों की कथा | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 2 | ल्हासा की ओर | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 3 | उपभोक्तावाद की संस्कृति | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 4 | साँवले सपनों की याद | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 5 | नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 6 | प्रेमचंद के फटे जूते | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 7 | मेरे बचपन के दिन | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 8 | एक कुत्ता और एक मैना | प्रश्न-उत्तर |