Ek Tinka Class 7 Summary | NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 Explanation
आज हम आप लोगों को वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-13 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 Vasant Bhag 2 ) के एक तिनका का भावार्थ (Ek Tinka Class 7 Explanation) के बारे में बताने जा रहे है जो कि टी अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
Ek Tinka Class 7 Summary | ‘एक तिनका‘ कविता का सारांश
एक तिनका कविता में कवि ‘हरिऔध’ जी ने हमें कभी भी अहंकार ना करने की सलाह देते हुए कहते है कि एक दिन वे बड़े घमंड के साथ अपने घर की मुंडेर पर खड़े होकर यह सोच रहे थे कि मुझे कोई दुख नहीं है, तभी हवा में उड़ कर उनकी आँख में एक तिनका पड़ जाता है। वे तिलमीला उठते है, उन्हें बड़ी तकलीफ होती है। उनकी तकलीफ को देखकर लोग उनकी मदद करने पहुँच जाते है । कपड़े की मूँठ से जैसे-तैसे तिनका उनकी आँख से निकला जा सका। तिनके के निकलने के साथ ही कवि के मन से घमंड भी निकल जाता है और उन्हें यह एहसास होता है कि मनुष्य को जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए । कवि कहते हैं कि आँख में तिनका चले जाने से उन्हें बड़ी ही बेचैनी हुई। उनकी आँख लाल हो गई और दुखने लगी। इसके बाद उन्हें मन में एक ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही तोड़ दिया। इन पंक्तियों के ज़रिए कवि हमें भी घमंड से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं। चाहे इंसान कितना भी बड़ा हो जाए, उसका घमंड चकनाचूर हो ही जाता है। एक तिनका कविता में कवि हरिऔध जी ने हमें घमंड ना करने की प्रेरणा दी है।
Ek Tinka Class 7 Explanation | एक तिनका कविता का भावार्थ
मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ,
एक दिन जब था मुंडेर पर खड़ा।
आ अचानक दूर से उड़ता हुआ,
एक तिनका आँख में मेरी पड़ा ।
शब्दार्थ – घमंड- अहंकार, मुंडेर- छज्जा(छत का निचला हिस्सा), अचानक– एकदम से, तिनका– सुखे घास का छोटा सा हिस्सा, ।
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘वसंत भाग – 2’ के अन्तर्गत अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध‘ द्वारा रचित एक तिनका शीर्षक पाठ से लिया गया है।
व्याख्या : उक्त पंक्तियों के माध्यम से कवि कह रहे है कि एक दिन वे अपने घर के दिवार के पास खड़े होकर घमंड से चुर होकर सोच रहे थे कि उनके जीवन में कोई दुख नहीं है । तभी हवा से उड़कर एक तिनका उनके आँख मे पड़ जाता है और उनका घमंड चुर हो जाता है।
मैं झिझक उठा, हुआ बेचैन-सा,
लाल होकर आँख भी दुखने लगी।
मूँठ देने लोग कपड़े की लगे,
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी।
शब्दार्थ – झिझक– संकोच। मूँठ– किसी वस्तु को मट्ठी भर का आकार देना। ऐंठ– घमंड। भगी– भागना ।
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘वसंत भाग – 2’ के अन्तर्गत अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध‘ द्वारा रचित एक तिनका शीर्षक पाठ से लिया गया है।
व्याख्या : उक्त पंक्तियों के माध्यम से कवि कह रहे है कि आँख में तिनका चले जाने के कारण वे बेचैन हो उठे । उनकी आँख लाल होकर दुखने लगी। लोग कपड़े का मूँठ का उपयोग करके उनकी आँख से तिनका निकालने की कोशिश करने लगे। इस दौरान उनकी ऐंठ, अहंकार और घमंड उनके मन से दूर भाग गए।
जब किसी ढब से निकल तिनका गया,
तब ‘समझ’ ने यों मुझे ताने दिए ।
ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है बहुत तेरे लिए ।
शब्दार्थ – ढब- तरिका, ताने- व्यंग्यपूर्ण वाक्य।
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘वसंत भाग – 2’ के अन्तर्गत अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध‘ द्वारा रचित एक तिनका शीर्षक पाठ से लिया गया है।
व्याख्या : उक्त पंक्तियों के माध्यम से कवि कह रहे है कि कि लोंगो ने जैसे-तैसे कवि की आँखों से तिनका निकाला। इसके बाद कवि के मन में यह ख़याल आया कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए था, उनका घमंड तो एक मामूली तिनके ने ही चूर कर दिया।
इस पोस्ट के माध्यम से हम वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-13 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 Vasant Bhag 2) के एक तिनका का भावार्थ (Ek Tinka Class 7 Explanation) के बारे में जाने जो की अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।
आपको यह सभी पोस्ट Video के रूप में भी हमारे YouTube चैनल Education 4 India पर भी मिल जाएगी।
NCERT / CBSE Solution for Class-9 (HINDI)
NCERT / CBSE Solution for Class-10 (HINDI)
NCERT / CBSE Solution for Class-6 (HINDI)