NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 6 Summary| दिये जल उठे पाठ का सारांश

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          आज हम आप लोगों को संचयन भाग-1 के कक्षा-9 का पाठ-6 (NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 6 Summary) के दिए जल उठे पाठ का सारांश (Diye Jal Uthe Summary) के बारे में बताने जा रहे है जो कि मधुकर उपाध्याय (Madhukar Upadhyay) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको NCERT Solutions for class 9 Hindi के बारे में और भी जानकारी चाहिए, तो आप ऊपर दिए गए NCERT Solutions मेनू पर जाकर उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।   

दिये जल उठे पाठ का सारांश | Diye Jal Uthe Summary

‘दिए जल उठे’ (Diye Jal Uthe) पाठ के लेखक ‘मधुकर उपाध्याय’ (Madhukar Upadhyay) जी है। यह कहानी आजादी के प्रयत्नशील भारत के महत्वपूर्ण घटना पर आधारित है। एक बार सरदार बल्लभ भाई पटेल दांडी कूच की तैयारी के सिलसिले में 7 मार्च को रास पहुचे थे। तभी वहाँ पर उपस्थित बूढ़ा बरगद का पेड़ उस दृश्य का साक्षी बना। पटेल जी भाषण की तैयारी करके नहीं आये थे, परन्तु लोगों के आग्रह पर उन्होंने दो शब्द बोला। जैसे ही पटेल जी ने कहा- भाइयों और बहनों, क्या आप सत्याग्रह के लिए तैयार है? उसी बीच वहाँ पर मजिस्ट्रेट आकर मनाही का आदेश दे दिए और पटेल जी को गिरफ्तार कर लिया गया। पटेल जी की ये गिरफ़्तारी रास के कलेक्टर शिलिडी के कहने पर की गयी थी जिन्हें पटेल जी ने पिछले आंदोलन में अहमदाबाद से भगा दिया था।

          पटेल जी को गिरफ्तार करके बोरसद की अदालत में लाया गया। अदालत में उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके लिए उन्हें 500 का जुर्माना और 3 महीने की सजा हुई। अहमदाबाद से पटेल जी को साबरमती जेल लाया गया। पटेल जी को गिरफ्तार करके जेल ले जाने की सजा जब साबरमती आश्रम में गाँधी जी को मिली तब वह अशांत रहे। साबरमती आश्रम से होकर बोरसद से जेल का रास्ता जाता है। सभी आश्रमवासी पटेल जी की गाड़ी गुजरने का इंतजार कर रहे थे। पटेल जी जिस मोटर गाड़ी में गिरफ्तार होकर जा रहे थे वह गाड़ी वहाँ रुकती है और पटेल जी सबसे मिलते है। उस छोटे से मुलाकात के बाद पटेल जी जब अपने गाड़ी में बैठते हुए सबसे कहते है कि “मैं चलता हूँ। अब आपकी बारी है।“ पटेल जी की इस गिरफ़्तारी से देशभर में बहुत सारी प्रतिक्रियाएँ हुई। सभी ने पटेल जी के जेल जाने की निंदा की।

 नेहरू जी गाँधी जी से दांडी कूच से पहले मिलना चाहते थे। परन्तु गाँधी जी ने पत्र के माध्यम से उन्हें बता दिया कि वह अपनी यात्रा को आगे नहीं बढाएँगे। गाँधी जी नमक बनाने का संकल्प लेकर तय किये गए दिन आश्रम से निकल पड़े।  वहाँ पर एकजुट हुए बहुत बड़े जनसभा में गाँधी जी ने अपने भाषण में ब्रिटिश सरकार को खुली चुनौती देते दी। रास में उपस्थित जितने भी दरबारी थे सब गाँधी जी के साथ मिल गए। सभी सत्याग्रही रास में गाजे बाजे के साथ शामिल हुए। वहाँ पर उपस्थित एक धर्मशाला में गाँधी जी को ठहराया गया और सभी सत्याग्रही तंबुओ में रुके। अंग्रेजी हुकूमत के विरोध में गाँधी जी ने बहुत सारे भाषण दिए।

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          सभी सत्याग्रही रास से 6 बजे शाम को निकलकर 8 बजे  कनकापुरा पहुँचें। 105 साल की बूढ़ी औरत कनकापुरा में गाँधी जी के माथे पर तिलक लगाते हुई कहती है कि- “महात्माजी, स्वराज लेकर जल्दी वापस आना…….।“ तभी गाँधी जी उस बूढ़ी औरत का जवाब देते हुए कहते है कि-“मैं स्वराज लिए बिना नहीं लौटूँगा….।“ उसके बाद वहाँ पर उपस्थित भारी जनसभा को गाँधी जी ने सम्बोधित किया और लोगों को अंग्रेजी हुकूमत के कुशासन के बारे में बताया। गाँधी जी की यात्रा सम्बोधन वाले दिन ही समाप्त होनी थी, परन्तु उसमें परिवर्तन किया गया। कनकापुरा से दांडी जाने के लिए लोगों को मही नदी पर करना था। तभी यह निर्णय लिया गया कि नदी को आधी रात में समुद्र का पानी चढ़ जाने पर ही पार किया जाए ताकि लोगों को कीचड़ और दलदल में कम से कम चलना पड़े। रात के भोजन के पश्चात साढ़े दस बजे सभी सत्याग्रही नदी की ओर चल दिए। रात के अंधेरे में गाँधी जी ने 4 किलोमीटर दलदली जमीन में चला। कुछ लोगों ने तो यह भी सलाह दी कि गाँधी जी को कंधे पर उठा लेते है परन्तु गाँधी जी ने मना कर दिया। गाँधी जी का कहना था कि “यह धर्मयात्रा है। चल कर ही पूरी करूँगा…। उसके बाद गाँधी जी वहीं तट पर अपने पैर धोकर एक झोपड़ी में आराम किए।

          समुद्र के तट पर पानी चढ़ने के बाद इतना ज्यादा अंधेरा था कि छोटे दिये उस अंधेरे को काट नहीं पा रहे थे। तभी गाँव के हजारों लोग हाथ में दिये लेकर नदी के किनारे पहुँच गए और यही नजारा नदी के दूसरी ओर भी था। जहाँ लोग हाथ में दिये लेकर गाँधी जी और सत्याग्रही का इंतजार कर रहे थे। गाँधी जी नाव पर चढ़ गए उसके बाद नारे लगने लगे गाँधी जी, सरदार पटेल, नेहरू की जय। मही नदी के दूसरे तट पर भी बहुत सारा कीचड़ और दलदल था। गाँधी जी उसी कीचड़ में चलकर 1 बजे रात को नदी के उस पार पहुँचे। वहाँ पहुँचकर पहले से ही तैयार की गई झोपड़ी में आराम करने चले गए। उसके बाद भी लोग हाथ में दिये लेकर खड़े थे शायद उन्हें मालूम था कि अभी और भी सत्याग्रही नदी पार करके आएंगें।  

इस पोस्ट के माध्यम से हम संचयन भाग-1 के कक्षा-9 का पाठ-6 (NCERT Solutions For Class 9 Hindi Chapter 6 Summary) दिए जल उठे पाठ का सारांश (Diye Jal Uthe Summary) के बारे में जाने जो कि मधुकर उपाध्याय (Madhukar Upadhyay) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। अगर आप NCERT Solutions for class 9 Hindi से संबंधित और पोस्ट चाहते हैं तो ऊपर दिए गए NCERT Solutions मेनू पर जाएं और ऐसी ही पोस्ट के लिए हमारी वेबसाइट को फॉलो करें।

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