Diye Jal Uthe Question Answer | दिये जल उठे पाठ का प्रश्न-उत्तर | NCERT Solutions for hindi sanchayan chapter 6
Question Answer
आज हम आप लोगों को संचयन भाग-1 के कक्षा-9 का पाठ-6 (NCERT Solutions for Class-9 Hindi Sanchayan Bhag-1 Chapter-6) के दिए जल उठे पाठ का प्रश्न-उत्तर (Diye Jal Uthe Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि मधुकर उपाध्याय (Madhukar Upadhyay) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
Diye Jal Uthe Question Answer | दिये जल उठे पाठ का प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1. किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया?
उत्तर- पहले हुए आंदोलन में पटेल जी ने स्थानीय कलेक्टर शिलिडी को अहमदाबाद से भगा दिया था। कलेक्टर शिलिडी ने अपने इसी अपमान का बदला लेने के लिए पटेल जी के द्वारा दिए गए भाषण को मनाही का आदेश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
प्रश्न 2. जज को पटेल की सज़ा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लगा?
उत्तर- पटेल जी ने रास में भाषण की शुरुआत करके कोई अपराध नहीं किया था। कलेक्टर ने पटेल जी को अपने अपमान का बदल लेने के लिये गिरफ्तार करवाया था। देशवासियों का पूरा समर्थन पटेल जी के साथ था। जज को यह नहीं समझ में आ रहा था कि किस धारा के अंतर्गत पटेल जी को कितनी सजा दें, यही विचार करते-करते जज को डेढ़ घंटे का समय लगा।
प्रश्न 3. “मैं चलता हूँ! अब आपकी बारी है।”- यहाँ पटेल के कथन का आशय उधृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- सरदार पटेल जी को निषेधाज्ञा (भाषण की मनाही) उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जबकि निषेधाज्ञा लागू उसी समय हुआ था। अतः उनकी गिरफ्तारी होना गैरकानूनी था। कांग्रेस के नेताओं को पकड़ने के लिए अंग्रेजी हुकूमत को कोई बहाना चाहिए। इसी बात को जानते हुए पटेल जी ने गाँधी जी से कहा-“मैं चलता हूँ। अब सरकार आपकी भी बारी है जेल में बंद होने की। तैयार रहिए।
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प्रश्न 4. “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें”-गांधी जी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?
उत्तर- पटेल जी की गिरफ्तार होने के बाद जब गाँधी जी रास पहुँचे। तभी दरबार समुदाय के सभी लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। ये दरबार समुदाय के लोग बड़े रियासतदार होते थे, जो अपने ऐशो-आराम की जिंदगी को छोड़कर रास में बस गए थे। गाँधी जी ने सभी सत्याग्रहियों से इन्हीं दरबार लोगों के त्याग और फैसले लेने के साहस के बारे में कहा।
प्रश्न 5. पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि-‘कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तात्कालिक सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है। अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- पटेल जी की गिरफ्तारी से गाँधी जी और सत्याग्रहियों के सामने एक चुनौती आती है। जिसके कारण गुजरात का सत्याग्रह आंदोलन असफल होता दिख रहा था। परंतु गाँधी जी खुद इस आंदोलन को सँभालते है। यदि गाँधी जी को भी गिरफ्तार कर लिया जाता तो उनकी जगह अब्बास तैयबजी नेतृत्व करने के लिए तैयार थे। गाँधी जी को रास से कनकापुर की सभा तक नदी पार करके जाना था। इसके लिए गाँववासियों ने रात को ही नदी पार करने की पूरी योजना बनाई। रात को ही झोंपड़ी, तंबू, नाव, दियों आदि का व्यवस्था की गई। इस पाठ से सिद्ध होता है कि हर कठिन परिस्थिति को आपसी सूझबूझ और सहयोग से निपटा जा सकता है।
प्रश्न 6. महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर- आधी रात में ही गाँधी जी ने महिसागर नदी पार करने का निर्णय लिया। आधी रात के अंधेरे में नदी पार करना कठिन था, तभी गाँव के सभी लोगों ने नदी के तट पर हजारों दिये लेकर खड़े हो गए। नदी के दोनों तट रोशनी से जगमगा रहा था। लोग गाँधी जी की जय , पटेल जी की जय और नेहरू की जयकार कर रहे थे।
प्रश्न 7. “यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करूंगा”-गांधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?
उत्तर- इस कथन द्वारा गाँधी जी की दृढ़ आस्था, साहस, देशप्रेम, सच्ची निष्ठा, कष्ट सहने की क्षमता और वास्तविक कर्तव्य की भावना का परिचय मिलता हैं। वे किसी भी आंदोलन को धर्म के समान पूज्य मानते थे और उसमें पूरे समर्पण के साथ लग जाते थे। वे दूसरे को कभी कष्ट नहीं देते थे और बलिदान के लिए प्रेरित करके स्वयं सुख-सुविधा भोगने वाले ढोंगी नेता भी नहीं थे। वे सभी जगह त्याग और बलिदान का उदाहरण स्वयं अपने जीवन से देते थे।
प्रश्न 8. गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे। फिर भी उन्होंने किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?
उत्तर- अंग्रेजी सरकार भी गाँधी जी के स्वाभाव से परिचित थे। वे जानते थे कि गाँधी जी छल और असत्य से कोई भी काम नहीं करेंगे, फिर भी उन्होंने इस डर से एहतियाती कदम उठाए। गाँधी जी ने कहा था कि यहाँ भी नमक बनाया जा सकता है, इसलिए नदी के तट से सारे नमक के भंडार को हटाकर उन्हें नष्ट करवा दिया गया।
प्रश्न 9. गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?
उत्तर- गांधी जी जब महिसागर नदी के उस पार उतर गए। फिर भी लोग नदी के तट पर दिये लिए खड़े थे क्योंकि गाँधी जी के बाद भी और भी सत्याग्रही आएंगे। जिससे उन्हें रोशनी मिल सके।
दिये जल उठे पाठ का सारांश | Diye Jal Uthe Summary
‘दिए जल उठे’ (Diye Jal Uthe) पाठ के लेखक ‘मधुकर उपाध्याय’ (Madhukar Upadhyay) जी है। Read More
इस पोस्ट के माध्यम से हम संचयन भाग-1 के कक्षा-9 का पाठ-6 (NCERT Solutions for Class-9 Hindi Sanchayan Bhag-1 Chapter-6) दिए जल उठे पाठ का प्रश्न-उत्तर (Diye Jal Uthe Question Answer) के बारे में जाने जो कि मधुकर उपाध्याय (Madhukar Upadhyay) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।
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कृतिका भाग-1 ( गद्य खंड ) |
सारांश |
प्रश्न-उत्तर | |
अध्याय- 1 | इस जल प्रलय में | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 2 | मेरे संग की औरतें | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 3 | रीढ़ की हड्डी | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 4 | माटी वाली | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 5 | किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया | प्रश्न-उत्तर |
क्षितिज भाग –1 ( गद्य खंड ) |
सारांश |
प्रश्न-उत्तर | |
अध्याय- 1 | दो बैलों की कथा | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 2 | ल्हासा की ओर | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 3 | उपभोक्तावाद की संस्कृति | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 4 | साँवले सपनों की याद | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 5 | नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया | प्रश्न -उत्तर |
अध्याय- 6 | प्रेमचंद के फटे जूते | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 7 | मेरे बचपन के दिन | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय- 8 | एक कुत्ता और एक मैना | प्रश्न-उत्तर |