आज हम आप लोगों को वसंत भाग-3 के कक्षा-8 का पाठ-4 (NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 4 Vasant Bhag-3) के दीवानों की हस्ती पाठ का प्रश्न-उत्तर (Diwano Ki Hasti Class 8 Hindi Chapter 4 Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि भगवती चरण वर्मा (Bhagwati Charan Verma) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न-अभ्यास | Class 8 Hindi Chapter 4
प्रश्न 1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
उत्तर : कवि अपने आने को ‘उल्लास’ इसलिए कहता है क्योंकि वह जहाँ भी जाता है वहाँ आनन्द का अनुभव होता है। वहां लोगों का दिल खुश हो जाता है। लेकिन वहाँ से वापस आते समय कवि और वे लोग दोनों दुखी होते हैं और आँखों में आँसू आ जाते हैं, इसलिए कवि ने ऐसा कहा है।
प्रश्न 2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तर : यहाँ भिखारियों की दुनिया से कवि का अर्थ यह है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने इस संसार में लोगों को अपनी इच्छानुसार प्रेम दिया। लेकिन बदले में उसे वह प्यार और खुशी नहीं मिली जिसकी उसे उम्मीद थी। इसलिए उसका दिल असफलता से बोझिल है और वह खुश नहीं है।
प्रश्न 1. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर : जीवन के प्रति कवि का दृष्टिकोण कविता में अच्छा था। कवि कहता है कि हम सभी के सुख-दुःख एक समान हैं और हमें इन सुख-दुःखों को एक साथ अनुभव करना पड़ता है। हमें दोनों स्थितियों का समान भाव से सामना करना चाहिए। ऐसी मनोवृत्ति वाला व्यक्ति ही सुखी रह सकता है।
कविता से आगे
प्रश्न 1. जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।
उत्तर : जीवन में मस्ती तो होनी ही चाहिए, लेकिन मजा तब हानिकारक हो सकता है जब वह किसी को नुकसान पहुंचाए या दुख पहुंचाए। कई बार हम अपनी मस्ती में भूल जाते हैं कि किसी व्यक्ति के मन पर इसका क्या असर होगा। कभी-कभी हम मस्ती में जानवरों या पौधों को भी नुकसान पहुंचाते हैं, जो गलत है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं। उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?
उत्तर : कविता में विरोधाभासी पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं:
(i) हम भिखमंगों की दुनिया में, स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले।
(यहाँ भिखारियों का उल्लेख है और लूट भी है) कवि स्वयं दूसरों को प्रेम और सुख देकर बिना कुछ लिए चला जाता है।
(ii) आए बनकर उल्लास अभी,आँसू बनकर बह चले अभी।
(यहाँ उल्लास है और आँसू भी हैं) कवि सुख-दुःख को समान रूप से लेता है।
(iii) हम स्वयं बँधे थे और स्वयं, हम अपने बंधन तोड़ चले।
(यहाँ खुद को बाँधने और फिर अपने ही बंधनों को तोड़ने की बात है।)
प्रश्न 1. संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छककर’ ‘जी भरकर’ और ‘खुलकर’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे – हँसकर, गाकर।
उत्तर :
1. मुस्कराकर
2. देकर
3. मस्त होकर
इस पोस्ट के माध्यम से हम वसंत भाग-3 के कक्षा-8 का पाठ-4 (NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 4 Vasant Bhag-3) के दीवानों की हस्ती पाठ का प्रश्न-उत्तर (Diwano Ki Hasti Class 8 Hindi Chapter 4 Question Answer) के बारे में जाने जो की भगवती चरण वर्मा (Bhagwati Charan Verma) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।
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