दादी माँ पाठ का सारांश | Dadi Maa | NCERT Solutions For Class 7 Hindi Chapter 2 Summary
आज हम आप लोगों को वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-2 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 Vasant Bhag 2 ) के दादी माँ पाठ का सारांश (Dadi Maa class 7 Hindi Chapter 2 Summary) के बारे में बताने जा रहे है जो कि शिवप्रसाद सिंह (Shivprasad Singh) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको और भी NCERT हिन्दी से सम्बन्धित पोस्ट चाहिए तो आप हमारे website के Top Menu में जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
दादी माँ पाठ का सारांश | Dadi Maa Class 7 Hindi Chapter 2 Summary
लेखक को हर समय अपने गाँव के घर की याद आती रहती है। लेखक का ज्यादा लगाव उनकी दादी माँ से है। आज अचानक से दादी माँ की मृत्यु की खबर सुनकर लेखक स्तब्ध हो गये हैं और उनके आँखों के सामने बचपन से लेकर अब तक दादी के साथ बिताये हर पल याद आता है।
लेखक क्वार के वे दिन याद करते है जब चारों ओर पानी ही पानी भरा रहता था और उसी पानी में दूर से बह कर आई घासों के सड़ने के कारण एक अजीब सी महक हवा में फैली रहती थी। इसी मौसम में गंध से भरे झाग वाले तालाब में कूद कर नहाना बच्चों को अच्छा लगता था। इसी झाग वाले तालाब में मैं भी एक दो बार नहा लिया था जिसके कारण बीमार पड़ गया था। दादी सुबह से लेकर पूरी रात तक मेरी चारपाई के पास बैठी रहती और मेरे हाथ-पैर छूकर ज्वर का अनुमान लगाती रहती। दादी मुझे हर समय पंखा झलतीं रहती, लेप करतीं रहती और बीमारी दूर करने के लिए विशेष प्रकार का भोजन बनवाती। दादी को गाँव की पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे। यदि गाँव में कहीं भी कोई भी बीमार होता, वह उसके पास पहुँच जाती और अपनी यही दवाई शुरू कर देतीं।
जब मेरे (लेखक) बड़े भाई किशन भैया की शादी तय हुई तो दादी माँ का उत्साह देखते बनता था। ऐसे तो वह कोई काम करती नहीं थीं लेकिन किसी काम में उनकी अनुपस्थिति विलंब का कारण बन जाती थी। उसी समय की बात है जब मैंने दादी माँ को सूद ( ब्याज ) के पैसों के लिए रामी की चाची पर बड़ी ही कठोरता से बिगड़ते देखा। वह आँखों में आँसू लिए दादी माँ से मिन्नतें कर रही थी कि मेरी बेटी की शादी है कृपया करके आप मुझ पर कुछ दया करे। पर दादी अपने से छोड़ने को राजी ही न होती थीं। मुझसे यह सब देखा न गया तो वह वहाँ से खिसक लिया। कुछ दिनों बाद रामी की चाची से मुझे पता चला कि दादी माँ ने उसका सारा कर्जा माफ कर दिया और दस रुपये देकर बेटी की शादी में मदद भी की। यह घटना दादी की कठोर प्रवृत्ति के साथ उनके कोमल स्वभाव को भी उजागर करती हैं। मुख्य रूप से मैं उनका लाड़ला था और मुझे लगता था कि किसी प्रकार का अपराध हो जाने पर दादी माँ की छाया में खड़े हो जाने से अभयदान मिल जाएगा।
दादाजी की मृत्यु के बाद से दादी उदास रहने लगी थीं। धोखेबाज शुभचिंतकों की वजह से भी परेशानी काफी बढ़ गई। मेरे पिता जी ने दादाजी के श्राद्ध में काफी रुपये खर्च कर दिए थे। एक शाम माघ की कड़ाके की ठंड में नहाकर गीली धोती पहने दादी संदूक पर दिया जलाए और हाथ जोड़े बैठी थीं। उनकी आँखों में आँसू देख लेखक से रहा नहीं गया। उन्होंने दादी से रोने का कारण पूछा। दादी मुस्कुराते हुए प्यार से उन्हें खींचकर रसोई में खाना खिलाने ले गई। अगले दिन लेखक ने देखा दादी माँ ने दादाजी की दी हुई निशानी, सोने के कंगन संदूक से निकालकर पिताजी को दिए ताकि वह कर्ज चुका सकें। मैं अतीत से वर्तमान में लौट आया। बड़े भाई का लिखा पत्र अब तक मेरे हाथों में काँप रहा था और वह यकीन नहीं कर पा रहा था कि दादी माँ सचमुच नहीं रही।
दादी माँ पाठ का प्रश्न-उत्तर | Dadi Maa class 7 Hindi Chapter 2 Question Answer
कहानी से
प्रश्न 1. लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जाती है?
उत्तर– Read More
इस पोस्ट के माध्यम से हम वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-2 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 Vasant Bhag 2 ) के दादी माँ पाठ का सारांश (Dadi Maa class 7 Hindi Chapter 2 Summary) के बारे में जाने जो की शिवप्रसाद सिंह (Shivprasad Singh) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।
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