आज हम आप लोगों को वसंत भाग-2 के कक्षा-7 का पाठ-1 (NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 Vasant Bhag 2 ) के हम पंछी उन्मुक्त गगन के पाठ का प्रश्न-उत्तर (Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है जो कि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ (Shivmangal Singh “Suman”) द्वारा लिखित है। इसके अतिरिक्त यदि आपको NCERT Solutions for class 7 Hindi के बारे में और भी जानकारी चाहिए, तो आप ऊपर दिए गए NCERT Solutions मेनू पर जाकर उन्हें प्राप्त कर सकते हैं।
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke Question Answer
प्रश्न-अभ्यास
कविता से
प्रश्न 1. हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?
उत्तर– सभी तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में इसलिए बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें बंधन में रहना पसंद नहीं है।
- उन्हें तो खुले आकाश में स्वतंत्र रहकर ऊँची-उँची उड़ान भरना पसंद है।
- उन्हें तो नदियों और झरनों का बहता हुआ शीतल जल पीना पसंद है।
- उन्हें तो कड़वा नीम का फल खाना पसंद है।
- उन्हें तो वृक्ष की सबसे ऊँची डाली पर बैठकर झूलना पसंद है।
- उन्हें तो अनार के दानों रूपी तारों को चुगना और क्षितिज के अंतिम छोर पर मिलना पसंद हैं।
प्रश्न 2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर– पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी निम्न इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं-
- पक्षी खुले आकाश में स्वतंत्र होकर उड़ने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।
- पक्षी नदीयों और झरनों का बहता हुआ शीतल जल को पीने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।
- पक्षी नीम के पेड़ की कड़वी निबौरियाँ खाने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।
- पक्षी पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।
- पक्षी आकाश में ऊँची उड़ान भरकर अनार के दानों रूपी तारों को चुगने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।
- पक्षी क्षितिज मिलन की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।
प्रश्न 3. भाव स्पष्ट कीजिए
या तो क्षितिज मिलन बन जाता / या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वसंत भाग-2 की कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से ली गई है। इस कविता के रचयिता प्रसिद्ध कवि श्री शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं।
इस पंक्ति में कवि पक्षी के माध्यम से यह कहना चाह रहे हैं कि पक्षी स्वतंत्र रहकर क्षितिज की सीमा तक उड़ जाने की इच्छा को व्यक्त करते हैं। वह उड़ते-उड़ते या तो क्षितिज की सीमा ढूँढ़ ही निकालेंगे या तो अपने प्राण त्याग देंगे। पक्षियों के इस कथन से उनके स्वतंत्र होकर उड़ने की इच्छा व्यक्त हुई है।
कविता से आगे
प्रश्न 1.बहुत से लोग पक्षी पालते हैं-
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर– हमारे विचार से पक्षियों को पालना बिल्कुल भी उचित नहीं है क्योंकि ईश्वर ने उन्हें उड़ने के लिए पंख दिए हैं, तो इच्छाएँ भी दी होंगी। वे हर वक्त स्वतंत्र होकर रहना चाहती हैं। अपनी इच्छा से ऊँची-से-ऊँची उड़ान भरना चाहती हैं, पेड़ों पर घोंसले बनाकर रहना चाहती हैं, नदी-झरनों का जल पीना चाहती हैं, फल-फूल खाना ही उनकी प्रवृत्ति है। उनके पिंजरे भले ही सोने के क्यों न हों, उनके पिंजरे में खाने के लिए बढ़िया से बढ़िया पदार्थ क्यों न हो, लेकिन सत्य तो यही है कि बंधन में रहकर मिलने वाली सुविधाओं से अच्छा कठिनाइयों से भरी आज़ादी है।
(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
उत्तर– हाँ! हमने एक बार तोता पाला था। मेरे मामाजी ने उसे मेले से खरीदकर मुझे दिए थे। पक्षी की देखरेख उसी प्रकार की जाती है जैसे एक छोटे से बच्चे की। मेरी माँ सुबह-सुबह उठकर उसे पिंजरे समेत घर के बाहर, आँगन में लेकर आतीं। वह बाहर का वातावरण देखकर खुश हो जाता और ज़ोर-जोर से पंख फड़फड़ाने लगता। हम उसे प्रतीदिन नहलाते भी थे। माँ उसे खाने के लिए बाजरा देती व कटोरी में पानी। वह अमरूद, अंगूर व हरी मिर्च बहुत चाव से खाता। जैसे ही धूप थोड़ी सी तेज हो जाती तो वह सिकुड़कर बैठ जाता। हम उसे अंदर कमरे में ले आते। बिल्ली या कुत्ते आदि जानवरों से उसे बहुत बचाना पड़ता था। जब रात हो जाती तो उसके पिंजरे पर कोई कपड़ा डाल देते तो वह बैठे-बैठे ही सो जाती।
प्रश्न 2. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर-
- पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से उनकी स्वतंत्रता का हनन होता है, क्योंकि उनकी प्रवृत्ति है ‘उड़ना’।
- पृथ्वी के सभी जीवों की समान रूप से प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
- पृथ्वी के पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए मनुष्य एवं पशु दोनों की आवश्यकता समान रूप से है।
- पक्षियों को पिंजरे में कैद कर लेने से उनकी उड़ने की आजादी समाप्त हो जाती है। इससे पर्यावरण प्रभावित होता है।
- कुछ पक्षी आस-पास की हमारी फैलाई गंदगी जैसे- रोटी का टुकड़ा, चावल आदि खाकर उस जगह को स्वच्छ बनाने का काम करती हैं।
- पर्यावरण को शुद्ध और प्राकृतिक बनाए रखने के लिए पक्षियों को प्रकृति के मध्य रहना आवश्यक है।
- वे इस प्रकार पर्यावरण को शुद्ध एवं संतुलित बनाते हैं।
- पर्यावरण में पक्षियों का अपना विशेष महत्त्व होता है।
- कुछ पक्षी छोटे-छोटे कीटों को खा जाती है जिससे वातावरण में संतुलन बनाने में मदद मिलती है।
- पक्षी पेड़ों में उगे फलों को खाकर उनके बीजों को गिरा देती हैं जिनसे नए-नए पौधे उग जाते हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर- हाँ, इसमें कोई शक नहीं है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए सभी तरफ से घातक हैं। अधिक शहरीकरण के कारण पक्षी प्रकृति से समाप्त होते चले जा रहे हैं, बड़ी संख्या में पेड़ भी काटे जा रहे हैं जिससे पक्षियों का आश्रय समाप्त होता जा रहा है। अधिक से अधिक कल-कारखानों के खुलने के कारण वातावरण का प्रदूषण भी बढ़ गया है, जिसके कारण पक्षियों का आसमान में उड़ना भी कठिन हो गया है क्योंकि उनका आश्रय समाप्त होने के साथ-साथ पेड़ों से प्राप्त खाद्य पदार्थ, फल-फूल आदि वह भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है। पक्षी शहरों से पलायन कर रहे हैं। पक्षियों के पलायन से सबसे बड़ा खतरा अनाज़ में कमी होने का है। यदि पर्यावरण संतुलित नहीं रहेगा तो इससे पर्यावरण संतुलन पर गहरा असर पड़ेगा और तब मनुष्य को अपने भविष्य की चिंता सताने लगेगी। अतः आवश्यक है कि मनुष्य जागरूक हो जाए और पक्षियों के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करें। पक्षियों के लिए जलाशयों के साथ-साथ बाग-बगीचों का भी निर्माण करवाएँ। पक्षियों को पिंजरों में बंदी बना करके नहीं रखना चाहिए। अन्य समस्याओं के बारे में छात्र स्वयं सोचे और विचार-विमर्श करें। इसके लिए विद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें।
प्रश्न 2. यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे? लिखिए।
उत्तर– यदि हमारे घर में किसी पक्षी ने अपना घोंसला बनाया हो और किसी कारणवश हमें घर बदलना पड़ रहा हो तो हम पूरा प्रयास करेंगे कि घोंसले को किसी भी प्रकार से छेड़ा न जाए और उस पक्षी के बाहर आने-जाने का स्थान भी खुला रहे। थोड़ा चावल के दाने और पानी घोंसले के बगल में रख देंगे ताकि पक्षी को भूख लगने पर खा और पी सके।
भाषा की बात
प्रश्न 1. स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। कविता से ढूँढ़कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।
उत्तर–
कनक-तीलियाँ
कटुक-निबौरी
पुलकित-पंख
प्रश्न 2. ‘भूखे-प्यासे’ में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिह्न को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिह्न से ‘और’ का संकेत मिलता है, जैसे- भूखे-प्यासे = भूखे और प्यासे।
- इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर–
1 | सुख-दुख | सुख और दुख |
2 | दिन-रात | दिन और रात |
3 | सुबह-शाम | सुबह और शाम |
4 | पाप-पुण्य | पाप और पुण्य |
5 | दूध-दही | दूध और दही |
6 | खट्टा-मीठा | खट्टा और मीठा |
7 | तन-मन | तन और मन |
8 | अन्न-जल | अन्न और जल |
9 | अपना-पराया | अपना और पराया |
10 | अमीर-गरीब | अमीर और गरीब |
हम पंछी उन्मुक्त गगन के भावार्थ | NCERT Solution For Class 7 Hindi Chapter 1 Summary
हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे, Read More
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